Monday, November 24, 2008

याद रहा


याद रहा

तुझसे नज़रें चुराना याद रहा,

वो गुज़रा ज़माना याद रहा,


मैं ग़म में सब भूल गया था,

उसका मुस्कूराना याद रहा,


वो शम्मां रातभर जलती रही,

करवटें बदल के सो जाना याद रहा,


गै़रों की ज़ुबां से तल्ख़ फूल गिरे,

उन कांटों का चुभ जाना याद रहा,


क्या दुआओं में असर है बाकी,

तेरे दर पे सर झुकाना याद रहा,


मयकशी ही एक दवा थी मेरी,

इसीलिये मैखाना याद रहा,


सुखे लब लिये मैख़ाने पहुंचा,

साक़ी का रूठ जाना याद रहा,


सब बलाओं से है शिकवा मेरा,

ज़िन्दा लाश बनाना याद रहा,


वादा करना और न निभाना,

ये दस्तूर पुराना याद रहा,


"रत्ती" सीने की तह में दर्द भरे थे,

खुशीयाँ न मनाना याद रहा,

Friday, November 14, 2008

उपरवाला


उपरवाला

कोई सुन्दर सलौना, कोई कुरुप है,

अपनी-अपनी किस्मत है, अपना-अपना रुप है


तेरा ही अक्स है, तेरी ही खुशबू है सब में,

हर खु़बसूरत चीज़ तो, तेरा ही रुप है


हर वक़्त हर शै में, हरकत जो हो रही,

एक अहसास और ताक़त, ये अनोखा सुबूत है


इन नज़रों से न देखा, पर दिलों में बसता है,

इस बात का यकीं है, हमारा रिश्ता अटूट है


अमीर-ग़रीब के फासले, मेरी समझ से परे,

कोई खाने को मोहताज, कोई खाता मलाई दूध है


कहीं ज़लज़ले आ रहे, कहीं बंजर ज़मीं,

कहीं ठंडी हवा के झोंके, कहीं कड़ी धूप है


वो सरमायादार सबका, मालामाल करेगा तुझे भी,

"रत्ती" दो क़सीदे तू भी पढ़ दे, वो पिता तू पूत है


Wednesday, November 12, 2008

ओबामा


ओबामा

ये नाम हो गया है जाना पहचाना,

अरे वही अपना राष्ट्रपति ओबामा

आ गयी है हाथ अमेरिका की कमान,

उपरवाले के बाद सब लेंगे तेरा ही नाम

अमेरिकावालों ने क्या घोल पिलाया,

सब नेताओं ने बधाई संदेश भिजवाया

पहले रटते बुश-बुश अब रटते ओबामा,

देखिये जनाब, कैसे करवट बदल रहा है ज़माना

छोटे बडे़ सब लोग तुझ पे फिदा हो चले,

शायद अपनी रूकी गाड़ी भी, अब चल निकले

अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर ले आओ,

ओबामा अल्लादीन की जादुई छड़ी घुमाओ

जातिवाद, गोरे-काले का भेद मिटना,

इंसानियत का सच्चा परचम लहराना

आसमां से फरिश्ते भी तुमको देंगे दुआए,

दिल से दिल मिलेंगे पुरी होंगी सब कामनाएं

"रत्ती" एकता का ही पैग़ाम देते जाना,

मंज़िल तुम्हारे क़दम चूमेगी ओबामा