Wednesday, January 28, 2009

आओ न


आओ न
आना है तो आओ न,
यूँ दिल को जलाओ न
छोटी किसी बात पर,
यूँ दिल को तड़पाओ न
हसरतों के तुफाँ में,
अकेला ये मुसाफिर
तन्हाई की आग़ोश में,
गुम हुआ आज फिर
क्या है दिल में साथी,
हमें कुछ बताओ न
छोटी किसी बात पर,
यूँ दिल को तड़पाओ न

तेरी ख़ामोशियां जैसे,
रूठी हो बहार भी
लब जो सिल गये,
कैसे बात हो प्यार की
आग जो लगी दिल में,
उसे और सुलगाओ न
छोटी किसी बात पर,
यूँ दिल को तड़पाओ न



Tuesday, January 27, 2009

शहीद




शहीद


शहीदों आपको कोटि-कोटि प्रणाम,
देश पे न्योछावर किए अपने प्राण

यूँ कोई किसी को फूटी कोडी न दे,
सब कुछ लुटा दिया तुम हो महान

सारे क़र्ज़ चुका देंगे हम किसी तरह,
आपके क़र्ज़ तले रहेगा हिदोस्तान

दुनिया की कोई दौलत या दवा भी,
जिंदा न कर पायेगी जो गुज़रा इंसान

देश भक्ती का जज्बा, हौसले बुलंद,
पास तुम्हारे बहुत था कीमती सामान

खो गया है वो बादलों की परछायी में,
रो रहा है आज हर छोटा-बड़ा इंसान

तुम ही तुम हो सीमाओं के रक्षक,
मार दिया दुश्मन को जो देखा अनजान

हमें फख्र है तुम्हारी शहादत का वीरों,
अफसोस भी बहुत बिछडी अनमोल जान

भारत माँ के सपूतों की बड़ी कुर्बानी,
ना भूलना "रत्ती" कभी वो महान इंसान


Thursday, January 1, 2009

नववर्ष


नववर्ष
नये साल का स्वागत, पुरानें को भूल जायें,

एक आशा की किरण से, फिर प्रेरणा पायें
अच्छी हों सच्ची हों, सबकी भावनायें,

नववर्ष की आपको, शुभकामनायें
नये साल की चुनोतियाँ , सवाल पूछेंगी,

जवाब तुम ढून्ढ लेना, अभ्यास खूब बढायें
पथरीली राहों में फूलों की, कामना ठीक नहीं,

राह मिलेगी उबड-खाबड, संभल-संभल के जायें
भ्रष्टाचार , आतंकवाद, दानव बडे-बडे,

इन ज़हरीले नागों के , फन पहले कटवायें
सहनशीलता , संयम के , हथियार पास हमारे,

विवेक से ही काम लें, उर्जा खूब बढायें
समयचक्र का पहिया, तेज़ दौड़नें वाला,

इसकी रफ्तार जितनी, "रत्ती" रफ्तार बनायें

दोस्ती

दोस्ती

तपते सेहरा को बरखा, ठण्डी बहार चाहिये,
हमको जहाँ की दौलत नहीं, आपका प्यार चाहिये

लुका-छिपी खेलने का, बहाना नहीं चलेगा,

इन आंखों को हरपल, आपका दीदार चाहिये

हमें मन्ज़ूर है कांटों से, दोस्ती भी दुश्मनी भी,

दिल आपका नाज़ूक फूल, वो खुशबूदार चाहिये

रंज के ही सबब से, राबते बिखरे सभी,

रिश्तों में मज़बूती, और ऐतबार चाहिये

बदचलन न हों कभी, वादे-इरादे किसी के,

गुफ्तगू होती रहे, दोतरफा इज़हार चाहिये

ख़ुश्क चेहरे मायूसी को, देते रहेंगे दावत,
हल्की सी मुस्कान, मीठा सा ख़ुमार चाहिये

मेहबूब की यादों का, ज़िक्र होता रहे सदा,

लगे इबादत कर ली, रूबरू परवरदिगार चाहिये

मज़मून तो बस एक, मोहब्बत का पैग़ाम,

बनी रहे दोस्ती "रत्ती", हमसफर यार चाहिये